किरणोत्सव
श्री महालक्ष्मी मंदिर के पश्चिमी दीवार पर एक छोटी सी खुली खिड़की मिलती है, जिसके माध्यम से सूरज की किरणें हर साल फरवरी और नवंबर के महीनों में तीन दिनों के लिए श्री महालक्ष्मी जी की पैरो को पर्श करते हुए उनके मुख मंडल पर पड़ते है।गर्भगृह में स्थित प्रतिमा और मंदिर परिसर के पश्चिमी दरवाजे की दूरी 250 फीट से ज्यादा है। किरणोत्सव के दोनों अवसरों पर परिसर की बत्तियां बुझा दी जाती हैं।किरणोत्सव तब मनाया जाता है जब सूर्य की किरणें सीधे श्री महालक्ष्मी देवी की मूर्ति पर सीधे सूर्यास्त के समय पड़ती हैं।