सर्दियों के मौसम में सर्दी, जुकाम, बुखार, आदि समस्यांए आम होती है। बदलते मौसम में शरीर की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा तो कई बीमारियां होने का डर रहता है। पहले ही सावधानी बरतकर तकलीफो से बचा जा सकता है।
ठंड के मौसम में कोनसी बीमारी में क्या सावधानी बरते।
सर्दी,जुकाम, खांसी ,कफ की बीमारी
- कफ की समस्या होने पर अदरक की चाय पिएं या अदरक का रस निकालकर उसमे शहद मिलाकर सेवन करनेसे कफ की समस्या में बहुत ही लाभकारी होता है।
- गुनगुने पानी में नमक मिलाकर पानी से गरारे करे या इसका भाप ले।
- गर्म तरल पदार्थ का सेवन करे।
- एकदमसे ठंडे में या ठंडे से गर्म में ना जाये।
- काली मिर्च ,तुलसी से काढ़ा तैयार करके गर्मा गर्म पीनेसे गले की खराश कम होगी।
- जायफल और दालचनी को सम भाग में पीसकर सुबह शाम शहद के साथ चाटने से सर्दी जुकाम में उपयोगी सिद्ध होती है।
दिल की बीमारी
दिल के बीमार ब्यक्ति को सर्दी के मौसम में काफी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। ठंड के कारन रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती है। शरीर की रक्त संचार व्यवस्था बाधित होती है। हार्ट अटैक की संभावन बढ़ जाती है।दिल के रोगी क्या सावधानी बरते -
- ठंड में बहार निकले से पहले अच्छा स्वेटर और सर में मंकी कैप पहन कर निकले ताकि रक्तवाहिनिया सिकुड़ ने से बचे।
- तली हुई ,मसालेदार, चटपटी चीजों का सेवन न करे।धूम्रपान बिल्कुल न करे। इससे रक्तवाहिनियां सुकुड़ जाती है और रक्तसंचार में बाधा उत्पन्न होकर ह्रदय पर दबाव बनता है।
- सुबह श्याम नियमित रूप से कम से कम तीन कि मी पैदल चले। इससे शरीर में गर्माहट बढ़ेगी और रक्त संचार बेहतर होगा।
- भोजन में नमक का इस्तेमाल कम करे। मक्खन व् घी का सेवन कम से कम करे। ताकि शरीर में फैट जमा न हो।
अस्थमा की बीमारी
अस्थमा से बीमार व्यक्ति को ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा तकलीफ होती है।
- धूल मिटटी से दूर रहे और कोहरे में घर से कम से कम निकले।
- बाहर जाते वक्त नाक के ऊपर हमेशा मास्क या साफ रुमाल बांध के निकले।
- भोजन में हरी सब्जियोइका इस्तेमाल करे।
- कब्ज होने न दे। पेट हमेशा साफ रखे।
- प्राणायाम और योगासन करने से अधिक लाभ होगा।
- अस्थमे की दवा हमेशा साथ रखे। जैसा रोटोहेलेर या इनहेलर
ठंड में जोड़ो का दर्द
ठंड के मौसम में अगर आपकी हड्डियां कमजोर है। तो ठंड के मौसम में तकलीफ अधिक होगी। जैसे ही तापमान कम होने लगता है। जोड़ सिकुड़ने लगता है और दर्द बढ़ जाता है।
- सुबह की गुनगुनी धुप शरीर पर लीजिए। इसमें विटामिन डी होता है। इससे जोड़ो के दर्द में आराम मिलता है।
- खानपान सही रखे। कैल्सिम युक्त पदार्थ का सेवन करे। अंडे ,सोयाबीन ,दलिया ,मूंगफली अपने आहार में शामिल करे।
- सुबह कम से कम आधे घंटा व्यायाम और योगा करे।
- मैदे से बने पदार्थ न खाये।
- शराब से दूर रहे। अल्कोहल के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड काफी बढ़ जाती है।
मधुमेह की बीमारी
ठंड के मौसम में रक्त गाढ़ा हो जाता है। इस वजहसे ब्लड में शुगर का स्तर में उतार चढाव होता रहता है।
- पौष्टिक आहार का सेवन करे और सर्दी में खुद को गर्म रखे।
- जुकाम और फ्लू का सक्रमण होने से बचे।
- हाथो को स्वच्छ रखे और सेहतमंद आहार ले।
- पैरो को गर्म और सुका रखे।
- पैरो में हमेशा कॉटन के मोजों का उपयोग करे। नंगे पाव बिलकुल भी न चले।
- ब्लड स्तर की नियनित जांच करे।
- नियमित रूप से व्यायाम करे।
त्वचा की देखभाल
ठंड के मौसम में शुष्क हवा त्वचा की नमी को नष्ट करती है। इसके कारन त्वचा में खिंचाव और रूखापन आजाता है। त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए चहरे की क्लीनिंग ,मॉइश्चराइजिंग और स्क्रबिंग करना जरुरी है। धूल और प्रदुषण के नुकसान से बचने के लिए त्वचा की अच्छी तरह सफाई करना जरुरी है। दिन में दो बार अच्छे फेस वॉश से चेहरा साफ करे। ग्लिसरीन और गुलाब जल मिलाकर चहरे और नाक की मसाज करने से फायदा होता है। ज्यादा गरम पानी के बजाय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करे। ठंड के मौसम में होठ फटने लगते है। होंठों पर पेट्रोलियम जेली और ग्लिसरीन का उपयोग करे। रात सोनेसे पहले होंठों पर मलाई लगाए।
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