मदुरई यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी
मदुरई कैसे पहुंचे
How to reach madurai
मदुरई के लिए भारत के सभी प्रमुख शहरों से डाइरेक्ट ट्रेन सुविधा उपलब्ध है।मदुरई से कुल ८९ ट्रेने गुजरती है। मदुरई से रामेश्वरम १८० की. मी. की दुरी पर है।रामेश्वरम जाने के लिए मदुरई से गुजरकर ही जाना होता है।रामेश्वरम से मदुरई के लिए जाने वाली ट्रैन के नाम
Name of train from rameshwaram to madurai
Train No. Train Name Departs
18495 Rameswaram - Bhubane. Exp 08:00 sunday
16780 Rameswaram - Tirupat Exp 16:00 Monday,Thursday,Saturday
16102 Boat Mail Exp 17.00 Daily
16617 Rameswaram - Coimbat Exp 19:00 Wednesday
22662 Sethu SF Express Exp 20:15 Daily
22621 Rameswaram - Kanniya SF 20:45 Monday,Thursday,Saturday
16733 Rameswaram - Okha Ex Exp 22:00 Friday
15119 Rameswaram - Manduad Exp 23:00 Wednesday
16793 Rameswaram - Faizaba Exp 23:50 Sunday
56724 Rameswaram Madurai Pass 05:30 Daily
56722 Rameswaram - Madurai Pass 11:20 Daily
56830 Rameswaram - Tiruchi Pass 14:10 Daily
56726 Rameswaram Madurai Pass 18:00 Daily
22662 Sethu SF Express Exp 20:15 Daily
22621 Rameswaram - Kanniya SF 20:45 Monday,Thursday,Saturday
16733 Rameswaram - Okha Ex Exp 22:00 Friday
15119 Rameswaram - Manduad Exp 23:00 Wednesday
16793 Rameswaram - Faizaba Exp 23:50 Sunday
56724 Rameswaram Madurai Pass 05:30 Daily
56722 Rameswaram - Madurai Pass 11:20 Daily
56830 Rameswaram - Tiruchi Pass 14:10 Daily
56726 Rameswaram Madurai Pass 18:00 Daily
रामेश्वरम से मदुरई के लिए सरकारी बसे और प्राईवेट बसे भी चलती है।
मदुरई में हवाई अड्डा भी बना है। भारत के प्रमुख शहरोसे विमान सेवा भी उपलब्ध है।
मदुरई शहर के बारे में
मदुरई शहर के बारे में
About Madurai city
मदुरई तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।तमिलनाडु का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यवसाईक केंद्र भी है। वैगई नदी के किनारे बसा हुवा है। इस शहर का इतिहास अति प्राचीन है। मदुरई प्राचीन मंदिरो के लिए जाना जाता है। यहाँ अति प्राचीन मीनाक्षी मंदिर है जो सैलानियोका का प्रमुख आकर्षण है। मदुरई को लोटस सिटी भी कहाँ जाता है क्योकि यह शहर कमल के आकार जैसे दिखता है। इस शहर को स्लीपलेस सिटी भी कहाँ जाता है मतलब यहाँ दिन रात काम करते है। यहाँ रात में भी परिवहन सेवाएं उपलब्ध रहती है और बहुत सारे रेस्टारेंट दिन रात खुले रहते है।
मदुरई शहर का इतिहास
History of Madurai city
मदुरई बहुत सारे पराक्रमी राजाओ के अधीन रहा। जैसा पांड्य राजवंश के राजा ,विजय नगर साम्राज्य, नायक वंश के राजा तिरुमल नायक का शासन। फिर चोल वंश के राजा के अधीन रहा। आखिर में अग्रेजो ने कब्जा जमा लिया। भारत के आज़ादी के आंदोलन में इस शहर के कई नेताओ ने अग्रेजोको हिला दिया था।महात्मा गाँधी ने पतलून त्याग कर धोती पहनने की शुरुवात इसी शहर से की थी।
मदुरई के दर्शनीय स्थल
Best Places to Visit in Madurai
मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर
meenakshi Sundareshwar Temple
मीनाक्षी मंदिर की रेल्वे स्टेशन से दुरी :- २ की.मी.
मीनाक्षी मंदिर की बस स्टैण्ड से दुरी :- १० की.मी.
मंदिर दर्शन टाईम :- सुबह ५ बजे से दुपहर १२.३० तक
दुपहर ४ बजे से रात १० बजे तक
दर्शन के लिए बंद :- दुपहर १२.३० से लेकर ४ बजे तक
शीघ्र दर्शन टिकट :- रू.१००/-
मीनाक्षी मंदिर की पौराणिक कथा
मंदिर दर्शन टाईम :- सुबह ५ बजे से दुपहर १२.३० तक
दुपहर ४ बजे से रात १० बजे तक
दर्शन के लिए बंद :- दुपहर १२.३० से लेकर ४ बजे तक
शीघ्र दर्शन टिकट :- रू.१००/-
मीनाक्षी मंदिर की पौराणिक कथा
Legend of Meenakshi Temple
मदुरई के एक राजा मलयध्वज निसंतान थे। उन्होंने घोर तपस्या की उसके फलस्वरूप पार्वती देवी ने पुत्री के रूप में उनके घर जन्म लिया। उसका नाम मीनाक्षी रखा गया। भगवान शिव अत्यन्त सुन्दर रूप धारन कर देवी मीनाक्षी से विवाह करने हेतु पृथ्वीलोक पर प्रकट हुए और मीनाक्षी देवी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। मीनाक्षी देवी ने विवाह का प्रस्ताव स्वीकार किया। इस विवाह को विश्व की सबसे बड़ी घटना मानी गयी। सभी देवी देवताये मदुरई में विवाह के लिए एकत्रित हुए। आज भी अप्रैल के महीने में मदुरई में १० दिन तक मीनाक्षी तिरुकल्याणम महोत्सव मनाया जाता है।
मीनाक्षी मंदिर
meenakshi temple
मीनाक्षी मंदिर ३५०० वर्ष पुराना है। मंदिर लगभग ४५ ,एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर के बाहर से ४ विशाल टावर चारो दिशा में बने है।चारो टावर पर अनेक शिल्प बने है। कुल १४ गोपुरम मंदिर स्थित है।यह मंदिर समर्पित है शिव जिन्हे सुंदरेश्वर कहा गया है और उनकी पत्नी पार्वती जिन्हे मीनाक्षी कहा गया है।
मीनाक्षी मंदिर ३५०० वर्ष पुराना है। मंदिर लगभग ४५ ,एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर के बाहर से ४ विशाल टावर चारो दिशा में बने है।चारो टावर पर अनेक शिल्प बने है। कुल १४ गोपुरम मंदिर स्थित है।यह मंदिर समर्पित है शिव जिन्हे सुंदरेश्वर कहा गया है और उनकी पत्नी पार्वती जिन्हे मीनाक्षी कहा गया है।
मीनाक्षी मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे बहले क्या करे
पौत्रमार सरोवर मंदिर के भीतर प्रवेश करते ही लगता है। अति पवित्र स्थल है। इस सरोवर में स्वर्ण का कमल बना है। मीनाक्षी माता मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस सरोवर की परिक्रमा करनी चाहिए।
मंदिर के भीतर
मंदिर में प्रवेश करते ही अष्ट शक्ति मंडप लगता है। यह मंडप राजा तिरुमलाई नायक की पत्नियों द्वारा बनाया गया था। इस मंडपम के बगल में मीनाक्षी नायक मंडप है। यहाँ दुकाने बने हुए है। यहाँ स्तंभ पर भगवान शिव के चमत्कार और मीनाक्षी देवी के जन्म की कहानी शिल्प के रूप में मौजूद है।
स्वामी सुंदरवर श्राइन के पास श्री गणेश की विशाल मूर्ति है। राजा थिरुमलाई नायकर ने मीनाक्षी मंदिर से ३ की.मी.दुरी पर एक मंदिर की खुदाई में गणेश जी की मूर्ति मिली थी। उस मूर्ति को मीनाक्षी मंदिर में स्थापित किया गया।इस मंदिर में शिव की नटराज प्रतिमा भी स्थापति है।
कला संग्रहालय
कला संग्रहालय
मंदिर के भीतर ही १००० स्तंभ का विशाल हॉल बना है। प्रत्येक स्तंभ पर शिल्प बने है। यह संग्रहालय द्रविड़ मूर्ति कला का खूबसूरत नमूना है। यहाँ १२०० साल पुरानी संस्कृति का परिचय फोटो ,चित्र ,मूर्ति द्वारा होता है। इस मंडप के बाहर पच्छिम की तरफ संगीत के स्तंभ है। स्तंभ को कान लगाकर लकड़ी से बजाने पर संगीत बजता है। संगीत स्तंभ मंडप के दक्षिण में कल्याण मंडप है जहा अप्रैल महीने के मध्य में शिव और पार्वती के शादी का चित्राई महोत्सव मनाया जाता है।
मदुरई के अन्य दर्शनीय स्थल
Other Places to visit in Madurai
Koodal Azhagar Temple
कुडल अळगर मंदिर भगवान श्री विष्णु का है। यह मंदिर मदुरई में मुख्य बस स्टैंड के पास स्थित है। यह मंदिर अति प्राचीन है। मिनाक्षी मंदिर के इतनाही यह मंदिर लोकप्रिय है। कुडल अळगर मंदिर का गोपुरम पांच मंजिला है। मंदिर के अंदर तीन मुर्तिया है। बैठी हुई ,खड़ी और लेटी हुई मूर्ति। इस मंदिर में नवग्रह मुर्तिया भी स्थापित है। देवी मीनाक्षी अम्मन की मूर्ति मर्गद धातु से बनी है। ईसी कारन देवी को मर्गद वल्ली कहा जाता है।
२) गाँधी संग्रहालय
Gandhi Museum
खुला रहने का टाईम :- सुबह १० से १ , दुपहर २ से ५.४५
छुट्टी का दिन :- गुरुवार
एंट्री फी :- मुक्त (कैमेरा के लिए रू.५०/-)
गाँधी संग्रहालय १९५९ में मदुरई में स्थापित किया गया था। मीनाक्षी मंदिर से चार कि.मी. दुरी पर है। इस सग्रहालय में गाँधी जी से जुडी हुई कई वस्तुए रखी हुई है। गांधीजी द्वारा व्यक्तिगत रूप से लिखित मूल पत्र यहाँ रखे हुए है। गांधीजी की हत्या जिस दिन हुई थी उस दिन उन्होंने जो धोती पहनी थी वह खून से सनी धोती यहाँ का प्रमुख आकर्षण है।
४) तिरुमलई नायक महल
Thirumalai Nayak Palace
खुला रहने का टाईम :- सुबह 9 से 5
एंट्री टिकट :- रू.१० /- (कैमेरा के लिए रू.३० /-)
साउंड और लाइट शो का टाईम :- इंग्लिश शाम ६.३० बजे
तमिल में शाम ८ बजे
तमिल में शाम ८ बजे
साउंड और लाइट शो एंट्री टिकट :- रु.५०/-
गाँधी संग्रहालय से तीन की. मी.दुरी पर है। इस महल का निर्माण नायक राजवंश के राजा थिरुमलाई नायक ने इटालियन वास्तुकार की मदत से १७ वी शताब्दी में किया। यह महल द्रविड़ और राजपूत शैली को मिलकर बनवाया गया। इस मंदिर का आज एक चौथाई भाग ही बचा है। इस महल में कुल २४८ स्तंभ है। स्तंभ की ऊंचाई ८२ फीट है और चौड़ाई १.९ फीट है। महल में प्रमुख दो भाग है। स्वर्ग विलासंम मंडप और रंग विलासम मंडप। इस महल में तिरुमलई नायक के जीवन पर आधारित लाईट और साउंड शो दिखाया जाता है।
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